नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). वर्तमान हालातों को देखते हुए भारत अपनी हथियार क्षमता बढ़ाने पर बल दे रहा है. इसके लिए भारत इजराइल से एंटी टैंक स्पाइक मिसाइल खरीदेगा. इसे पाकिस्तान की ओर से बढ़ते खतरे के लिहाज से अहम रक्षा सौदा माना जा रहा है. स्पाइक 1.5 से 25 किलोमीटर दूरी तक अपने अचूक निशाने से दुश्मन के टैंकों को तबाह करने की ताकत रखती है. शुक्रवार को इजराइली कंपनी राफेल के प्रवक्ता ने संभावित रक्षा सौदे की पुष्टि की. हालांकि, भारत सरकार की ओर से इसे मंजूरी मिलना बाकी है. भारत और इजराइल के बीच स्पाइक की खरीद के लिए 2017 में सहमति बनी थी, लेकिन इस समझौते को जनवरी, 2018 में रद्द कर दिया गया.
– इजराइली कंपनी ने की पुष्टि की
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, एंटी टैंक मिसाइल बनाने वाली इजराइली कंपनी के प्रवक्ता ने बताया कि भारत के संभावित सौदे पर चर्चा हो रही है. हालांकि, उन्होंने कही डील पर हस्ताक्षर होने तक ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया. माना जा रहा है कि भारत पाकिस्तान के मुकाबले अपनी एंटी टैंक क्षमता को बढ़ाना चाहता है. हालांकि, डीआरडीओ भी स्वदेशी एंटी टैंक मिलाइल तैयार कर रहा है. इसके लिए 3 साल का वक्त लगेगा. तब तक स्पाइक मिसाइलों के जरिए ही सेना अपनी जरूरतें पूरी कर सकती है.
– स्पाइक मिसाइलों की डील रद्द कर चुका है भारत
भारत ने 2017 में इजराइली डिफेंस कंपनी से स्पाइक मिसाइलों का सौदा किया था. हालांकि, डीआरडीओ से 8 हजार स्वदेशी एंटी टैंक मिसाइलों की आपूर्ति के वादे के बाद इसे जनवरी, 2018 में रद्द कर दिया गया. डीआरडीओ ने दिसंबर के अंत तक स्वदेशी मिसाइलों के ट्रायल की बात कही है. अगर स्वदेशी मिसाइल ट्रायल में कामयाब हुई तो 2021 तक भारत में ही बड़े पैमाने पर एंटी टैंक मिसाइलें तैयार की जाएंगी.
– 26 देश करते हैं स्पाइक का इस्तेमाल
रक्षा विशेषज्ञ स्पाइक को बेहतरीन एंटी टैंक मिसाइल मानते हैं. कम वजन (13 किलोग्राम) की वजह से इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाना आसान है. इसका निशाना अचूक है. अलग-अलग कैटेगरी में इसकी रेंज 1.5 किलोमीटर से 25 किलोमीटर तक है. इजराइल की स्पाइक एंटी-टैंक मिसाइल का इस्तेमाल दुनियाभर के 26 देश करते हैं. इसमें जर्मनी और ब्रिटेन जैसे देश भी शामिल हैं.