– 180 किलोमीटर पैदल कर चल नाशिक से मुंबई पहुंचे थे 35 हजार किसान
– तीन घंटे की मैराथन चर्चा के बाद आंदोलन खत्म
मुंबई (तेज समाचार डेस्क). राज्य की देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने नाशिक से मुंबई पहुंचे करीब 35 हजार किसानों को निराश न करते हुए उनकी मांगों को स्वीकार कर इन मांगों को पूरा करने के लिए 6 महीने का समय मांगा है. किसानों ने भी अपनी सरकार के प्रति पूर्ण विश्वास जताते हुए अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा कि हमने ज्यादातर मांगें मान ली हैं. हमने एक लिखित आश्वासन भी दिया है.
– तुरंत शुरू होग मांगों की पूर्ति का काम : सावरा
राज्य सरकार के मंत्री विष्णु सावरा ने कहा कि छह महीने के अंदर इन मांगों पर काम शुरू हो जाएगा. सावरा ने कहा कि सरकार सभी की है और किसानों की हर समस्या का निराकरण करने के लिए सरकार कटिबद्ध है. हमें इस बात का अफसोस है कि किसानों को आंदोलन करने की नौबत आई है. लेकिन हमारा वादा है कि सरकार ने जो छ: महीने का समय किसानों को दिया है, उस अवधि में हम किसानों से किया गया वादा जरूर निभाएंगे.
– 3 घंटे चली मैराथन बैठक
किसानों के प्रतिनिधियों से मुख्यमंत्री की बैठक करीब 3 घंटे चली. इस बैठक में 14 मुद्दों पर गहन चर्चा हुई. मिटिंग के बाद महाराष्ट्र सरकार में सिंचाई मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, कि ”किसानों की 80 फीसदी मांग को मान लिया गया है. आदिवासी राशन कार्ड 3 महीने में दिया जाएगा. वन जमीन को लेकर सरकार ने किसानों से 6 महीने का टाइम मांगा है. सरकार के लिखित आश्वासन देने पर किसानों ने आंदोलन वापस लेने का भरोसा दिया है. किसानों के साथ बैठक हुई. सभी बातों पर चर्चा हुई. किसान नेता आंदोलन को खत्म करने का एलान करेंगे.
सरकार के एक और मंत्री विष्णु सावरा ने कहा, “किसानों की शिकायत है कि उनकी जो जमीन है, उससे कम उनके नाम है. जितनी जमीन पर वो फसलें बो रहे हैं वह उनके नाम होनी चाहिए. इस पर सीएम सहमत हो गए हैं. मामले को चीफ सेक्रेटरी देख रहे हैं, 6 महीने में किसानों की मांगों पर काम शुरू हो जाएगा.”
– सरकार के व्यवहार और आश्वासन से किसान खुश
किसानों ने सरकार के साथ बातचीत को कामयाब बताया. किसान संजय सुखदेव ने कहा, कि सरकार ने हमारी मांगें मान ली हैं. हम खुश हैं. सभी दलों के नेताओं और मुंबई की जनता ने हमारा पूरा सहयोग किया. हमारी ताकत उनकी ताकत से मिलने के बाद ही यह रिजल्ट सामने आया है.
– स्पेशल ट्रेन से पहुंचाया घर
180 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर मुंबई पहुंचे किसानों की मांगों को मान कर सरकार ने उनकी सारी थकान को उतार दिया. इसके बाद आंदोलन खत्म होने पर सरकार ने किसानों के लिए 2 विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की. मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस से ये दोनों ट्रेनें शाम 8:50 बजे और रात 10 बजे रवाना हुई. इसमें से एक ट्रेन भुसावल तक और दूसरी नागपुर तक जाएगी.
– ये हैं किसानों की प्रमुख मांगें
– संपूर्ण कर्जमाफी.
– कृषि उपज को दोगुना भाव मिले.
– स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर अमल हो.
– वन अधिकार कानून पर अमल हो.
– जिस जमीन पर आदिवासी खेती कर रहे हैं, उसे आदिवासियों के नाम पर किया जाए.
– नदी जोड़ो परियोजना से सिंचाई के लिए पानी मिले.
– बिजली के बिल में छूट मिले.