श्लोक --3 , अध्याय --3 भावार्थ --श्री भगवन बोले - हे निष्पाप ! इस...
Read moreगीता के दूसरे अध्याय में श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को कहा है कि स्थिर बुद्धि वाले लोग श्रेष्ठ कहलाते...
Read moreश्लोक संख्या --71 और 72 , अध्याय --2 भावार्थ -- जो पुरुष समस्त कामों को त्याग कर ममता रहित ,अहंकार...
Read moreश्लोक संख्या - 69 ,अध्याय 2 , भावार्थ -- समस्त प्राणियों के लिए जो ( अवस्था ) रात्रि अर्थात अन्धकार...
Read moreश्लोक संख्या 64 , अध्याय -2 भावार्थ -- परन्तु आसक्ति और द्वेष से रहित अपने वशीभूत इन्द्रियों के द्वारा विषयों...
Read moreश्लोक -61 ,अध्याय - 2 भावार्थ --इस लिए ( साधक ) उन सम्पूर्ण इन्द्रियों को वश में करके समाहितचित्त तथा मेरे परायण होकर स्तिथ रहे।...
Read moreश्लोक 59 --अध्याय 2 भावार्थ --- निराहारी ( अर्थात इन्द्रियों द्वारा विषयों का ग्रहण न करने वाले )पुरुषों के...
Read moreश्लोक -56 , अध्याय -2 भावार्थ --दुखों में जिसका मन उद्ग्विन नहीं होता ,सुखों में जो स्पृहारहित है तथा जिसके राग...
Read moreश्लोक 54 --अध्याय 2 भावार्थ --अर्जुन ने कहा ---"हे केशव समाधि में स्थित स्थितप्रज्ञ (अर्थात स्थिर बुद्धि वाले...
Read moreश्लोक 52 --अध्याय 2 भावार्थ -जब तेरी बुद्धि मोहरूपी पंक को पार कर जाएगी उस समय...
Read more