अमृतसर ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – ‘असां ते तैनू रब मनया’ गीत गाने वाले सूफी गायक प्यारेलाल वडाली का शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से अमृतसर में निधन हो गया । वह ७५ वर्ष के थे । अंतर्राष्ट्रीय दर्जे के सूफी गायक प्यारेलाल वडाली, अपने बड़े भाई पूरनचंद वडाली के साथ ही गाया करते थे । यह सुर ताल और ले की प्रख्यात जोड़ी थी । प्यारेलाल, पूरनचंद को ही अपना गुरु मानते थे । उनकी जोड़ी ने विश्व भर में अपनी गायकी से एक अलग मुकाम बनाया था। हालांकि वह सिर्फ सूफियाना अंदाज़ का गायन करते थे लेकिन उन्होंने कंगना रणौत की फिल्म ‘तनु वेड्स मनु’ में रंगरेज मेरे….गाया था। यह गीत बेहद हिट रहा था। इसके बाद से वडाली भाइयों ने जब उन्हें ऑफर मिले तो उन्होंने इनकार नहीं किया ।
प्यारेलाल वडाली कुछ समय से बीमार चल रहे थे। जिसके चलते ही पूरनचंद अपने बेटे लखविंदर वडाली के साथ स्टेज शो कर रहे थे।
वडाली भाई प्रारंभ से ही संगीत में रमे हुए थे । वह संगीत के क्षेत्र में पटियाला घराने से थे,उस्ताद बड़े गुलाम अली भी इसी घराने से थे। लगभग “ढाई दशक तक अखाड़ा पर दोनों भाइयों ने जमकर पहलवानी की। और कई खिताब भी जीते । लेकिन एक दिन पिता ठाकुरदास वडाली आकर संगीत सीखने के लिए कहा । पिता का कहना मानते हुए उन्होंने संगीत सीखना प्रारंभ किया ।”
वर्ष “1975 में जालंधर के गांव हरवल्लभ में मौनतीर्थ पर महर्षि मौनीबाबा के 108वें जन्मोत्सव के अवसर पर पहली बार इन भाइयों ने प्रस्तुति दी थी।
पूरनचंद को 1992 में केंद्र सरकार ने संगीत नाटक अवार्ड से सम्मानित किया तो भरोसा ही नहीं हुआ कि जो लोग स्कूल नहीं गए उन्हें सरकार सम्मानित कर रही है।वडाली बंधुओं ने बुल्ले शाह, कबीर, अमीर खुसरो और सूरदास के पदों को अपने संगीत में पिरोया। उन्होंने गुरबानी के अलावा गजल और भजन भी गाए। वडाली ब्रदर्स ने एक से बढ़कर एक सूफी गाने गाए। ‘तू माने या न माने दिलदारा, असां तो तेनू रब मनया…’ हमेशा हिट रहा है।