– 1986 में यवतमाल में हुई भी पहली आत्महत्या
– स्वाभामानी किसान संगठन की ओर से एक दिवसीय अन्नत्याग
पुणे (तेज समाचार डेस्क). यवतमाल स्थित चिलगव्हाण गांव में रहनेवाले किसान साहेबराव करपे ने अपने परिवार के साथ 1986 में सरकार की गलत नीतियों से परेशान होकर आत्महत्या की थी. देश में पंजीकृत हुई यह पहली किसान आत्महत्या थी. इस घटना को सोमवार को 32 साल पूरे हुए. इस निमित्त इस परिवार का अभिवादन करने तथा वर्तमान में चल रही सरकार की गलत नीतियों का निषेध करने के लिए स्वाभिमानी किसान संगठन की ओर से सोमवार को ‘अन्नत्याग आंदोलन’ किया गया. इस समय किसानों को कर्जमुक्ति दी जाए, फसल को डेढ़ गुना कीमत दी जाए आदि मांगे की गई.
बालगंधर्व रंगमंदिर चौक में वस्त्रोद्योग महामंडल के पूर्व अध्यक्ष रविकांत तुपकर के नेतृत्व में यह अन्नत्याग आंदोलन किया गया. इस आंदोलन में राज्य के विभिन्न क्षेत्र से शिक्षा लेने के लिए आए असंख्य किसान परिवारों के विद्यार्थी शामिल हुए थे.
तुपकर ने बताया कि, साहेबराव करपे व देश में आत्महत्या किये किसानों को अभिवादन करने के लिए तथा अन्य किसानों को हिम्मत देने के लिए और किसान आत्महत्या ना करें, ऐसा संदेश देने के लिए और सरकार की गलत नीतियों का निषेध करने के लिए ये अन्नत्याग आंदोलन किया गया. सरकार स्वामिनाथन आयोग के अंतर्गत डेढ़ गुना फसल कीमत की शिफारस जारी करें और किसानों को कर्जमुक्ति दिलाये यही हमारी मुख्य मांगें हैं.