नई दिल्ली (तेज समाचार डेस्क). जब से पाकिस्तान बना है, तभी से पाकिस्तान दूसरों पर निर्भर रहा है. कभी अमेरिका तो कभी चीन. लेकिन पाकिस्तान ने कभी भी स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश नहीं की, बल्कि वह दूसरे देशों से आत्मनिर्भर बनने के नाम पर दिए जानेवाले फंड से देश में आतंकवाद का बीज बोता रहा है. पिछले दिनों अमेरिका से रिश्ता खत्म होने के बाद अब वह पूरी तरह से चीन पर निर्भर हो गया है. लेकिन चीन की चालबाजी को न तो पाकिस्तान कभी समझा है और उम्मीद भी नहीं है कि भविष्य में वह कभी समझ पाएगा. पाकिस्तान का मजबूरी का चीन पूरा-पूरा इस्तेमाल कर रहा है.
अभी अभी खबर मिली है कि चीनी सरकार शिंजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर समुदाय पर काफी समय से अत्याचार कर रही है. वह वहां इस्लाम धर्म को मानने वाले उइगर समुदाय के लोगों पर धार्मिक तरीके से दंगात्मक कार्रवाई कर रही है. चीन-पाकिस्तान सीमा के काराकोरम राजमार्ग पर चीन के शिंजियांग प्रांत में रहने वाले पाकिस्तानी व्यापारियों के समूह अपनी उइगर पत्नियों को विदा करते हैं, जो चीन के उइधुर में ठंड तक रहती हैं. इसके बाद बसंत में वे फिर वापस आ जाती हैं. इस दौरान लोग फोन पर अपने परिवार के साथ संपर्क में रहते हैं. हालांकि पिछले साल से वे अपनी पत्नियों तथा बच्चों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी पुरुषों की उइगर पत्नियां अचानक गायब हो जा रही हैं. इस क्षेत्र के उइगर मुस्लिम अल्पसंख्यकों को इस्लामी आतंकवाद के डर से पाकिस्तान की सीमा को छोड़कर भागना पड़ रहा है.
एक पाकिस्तानी व्यापारी इकबाल ने दावा किया कि पिछले साल मार्च में चीनी अधिकारी उसकी पत्नी और बच्चों को अपने साथ ले गए. इकबाल ने कहा कि उसे पाकिस्तान की सीमा से शिंजियांग में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई. उसने कहा कि चीनी अधिकारियों ने जोर दिया कि उसकी पत्नी ट्रेनिंग में व्यस्त है और उसके बच्चे सुरक्षित हैं. उसने बताया कि चीनी अधिकारियों ने उसे उसकी बेटियों से बात करने की भी इजाजत नहीं दी. गिलगित-बाल्तिस्तान (जीबी) विधानसभा के सदस्य जावेद हुसैन के मुताबिक इकबाल वीजा से पाकिस्तान वापस लौटा आया है, लेकिन अब चीन में अपने उइगर परिवार से संपर्क करने में असमर्थ है. चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘दोनों पक्ष दोनों देशों के लोगों के बीच बातचीत से संबंधित समस्याओं बारे संचार बनाए रखते हैं जबकि पाकिस्तान ने कहा कि इस मुद्दे पर चीन की सरकार के साथ सक्रिय रूप से चर्चा हो रही है.’
उइगर महिलाओं का विवाह गिलगित-बाल्तिस्तान के पुरुषों से हुआ है. उनमें से ज्यादातर खुंजराब दर्रा के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों से जुड़े हुए हैं जो एकमात्र पाकिस्तान और चीन से जुडऩे वाला भूमि मार्ग है. यह पाक अधिकृत कश्मीर के गिलगित-बाल्तिस्तान क्षेत्र और चीन द्वारा नियंत्रित शिंजियांग प्रान्त के बीच स्थित है. क्षेत्रीय व्यवस्थापकों ने जोर दिया है कि गिलगित-बाल्तिस्तान और शिंजियांग के बीच अंतर्जातीय विवाह का इतिहास दशकों पुराना है और दोनों सीमावर्ती क्षेत्रों के बीच बहुत करीबी सांस्कृतिक संबंध हैं. उन्होंने पूर्व तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमैंट (ई.टी.आई.एम.) को दोषी ठहराया है जो कथित तौर पर प्रांत में आतंकी हमलों की साजिश रचने के लिए जिम्मेदार है. माना जाता है कि ई.टी.आई.एम. के पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादियों के साथ संबंध हैं.