हमारे देश की सबसे बड़ी विड़ंबना यह है कि देश के लिए जी जान लगा कर खेलनेवाले खिलाड़ियों को हम उनका वास्तविक सम्मान नहीं दे पाते. लेकिन यदि हम उन्हें सम्मान नहीं दे सकते, तो कम से कम उनका अपमान तो न करें. कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतनेवाली मनु भाकर और उनकी मां को चरखी दादरी में आयोजित एक सम्मान समारोह में जमीन पर बिठा दिया गया. जबकि इन दोनों का सम्मान करने आए अफसर लोग कुर्सियों पर बैठे रहे.
चरखी दादरी (तेज समाचार डेस्क). ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कॉस्ट में हाल ही में संपन्न हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीत कर देश व प्रदेश का नाम रोशन करनेवाली मनु भाकर को यहां आयाजित समारोह में जमीन पर बिठा कर सम्मानित किया गया. मनु के साथ-साथ उनकी मां को भी इस समारोह में अपमानित होना पड़ा.
जानकारी के अनुसार फोगाट खाप की ओर से आयोजित एक सम्मान समारोह में मनु का सम्मान किया जाना था. लेकिन आयोजन स्थल पर कुर्सियां कम थी. जब मनु अपनी मां के साथ वहां पहुंची, तब उन्हें पहले तो कुर्सियों पर बिठाया गया. लेकिन जब अफसर लोग वहां पहुंचे, तो मनु ने उन अफसरों के लिए कुर्सी छोड़ दी और नीचे बैठ गई. लेकिन विशेष बात यह रही कि जिसके लिए यह सम्मान समारोह हो रहा था, उसे नीचे बैठा देख किसी अफसर को कोई फरक नहीं पड़ा.
इस बात से उपजे विवाद के बाद मनु के पिता ने कहा कि अपने से बड़ों के लिए कुर्सी छोड़ उनकी बेटी ने अच्छे संस्कार को दिखाया. विवाद बढ़ने पर मनु भी कहा कि वह अपनी मर्जी से नीचे बैठीं.
– फौगाट खाप ने किया था आयोजन
कार्यक्रम के दौरान मनु और उनकी मां जमीन पर बैठी रहीं और आयोजक सम्मान देने की औपचारिकता निभाते रहे. मंगलवार को स्वर्ण पदक विजेता विनेश फौगाट व मनु भाकर और रजत पदक विजेता बबीता फौगाट के सम्मान में बाबा स्वामी दयाल धाम पर फौगाट खाप की तरफ से एक समारोह आयोजित किया गया.
– पहले बैठे थे कुर्सियों पर
समारोह में मनु भाकर, विनेश फौगाट, बबीता फौगाट, कुश्ती कोच महाबीर फौगाट और मनु की मां सुमेधा भाकर कुर्सियों पर बैठे थे और उनका स्वागत भी किया गया. तभी वहां प्रशासनिक अफसरों का आगमन हुआ. अधिकारियों के आने पर सभी खिलाड़ी खड़े हो गए. इसके बाद मनु भाकर को प्रशासनिक अधिकारियों के आने पर कुर्सी छोड़कर जमीन पर बैठना पड़ा.
– दिखावे का सम्मान
देश को गौरव दिलाने वाली खिलाड़ी को इस तरह से जमीन पर बैठा देखने के बाद भी अधिकारियों ने कोई गंभीरता नहीं दिखाई. मनु भाकर को इस तरह जमीन पर बैठा देख जब मीडिया कर्मियों ने उनकी फोटो खींचनी शुरू की तो जल्दबाजी में खिलाडिय़ों का सम्मान करवाकर कार्यक्रम का समापन कर दिया गया.
– यह तो हमारे संस्कार है
इस मामले में मनु भाकर के पिता रामकिशन भाकर का कहना है कि खाप द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में मनु को नीचे बैठा कर अपमान करने की कोई बात नहीं है. यह तो हमारे संस्कार है कि मनु वहां मौजूद बुजुर्गों को सम्मान देने के लिए खुद ही कुर्सी छोड़ कर अपनी मां के पास जमीन पर बैठ गई थी.