नई दिल्ली (तेज समाचार डेसक). दूरसंचार विभाग ने इंटरनेट टेलिफोन नियमों में परिवर्तन करते हुए व्हाट्सएप, स्काइप, गूगल डुओ और इमो जैसी वीडियो कॉलिंग एप्स का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. अब सिर्फ टेलिकॉम कंपनियों को ही वीडियो कॉलिंग की अनुमति दी जाएगी. इसके लिए टेलिकॉम कंपनियों को अपनी वीडियो कॉलिंग एप लॉन्च करनी होगी. साथ ही केवल लाइसेंसधारक कंपनियों को ही वीडियो कॉलिंग की सुविधा मिलेगी.
– नियमों में किए गए बदलावा
नियमों में किए गए संशोधन के मुताबिक, एप से एप वीडियो कॉल की सर्विस देने वाली कंपनियों जैसे व्हाट्सएप, स्काइप, गूगल डुओ और इमो को कॉलिंग की इजाजत नहीं दी जाएगी. इसका सीधा मतलब यह है कि आने वाले समय में वीडियो कॉलिंग एप के बजाय वाई-फाई से की जा सकेगी. अगर यह सर्विस शुरू होती है तो जैसे यूजर्स वॉयस कॉलिंग के लिए शुल्क अदा करते हैं वैसे ही उन्हें वीडियो कॉलिंग के लिए टर्मिनेशन चार्ज देना होगा. आपको बता दें कि जिस कंपनी के नेटवर्क पर कॉल आता है उसे दूसरी कंपनी की ओर से टर्मिनेशन चार्ज मिलता है.
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन (DoT) ने लाइसेंस शर्तों में संशोधन किया है. इसमें सेल्यूलर मोबाइल सर्विस और इंटरनेट टेलीफोनी सर्विस दोनों के लिए ही एक नंबर अलॉट किया जाएगा जिससे बिना सेल्यूलर नेटवर्क के वाई-फाई सर्विस द्वारा वॉयस कॉल करने को अनुमति मिलेगी.
यह सर्विस मोबाइल यूजर को नजदीकी पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क के जरिए कॉल कनेक्ट करने में मदद करेगी. DoT ने टेलिकॉम कंपनियों से कहा है कि उन्हें सब्सक्राइबर्स को इस सर्विस से संबंधित डिटेल में जानकारी देनी आवश्यक है जिससे वो ठीक से निर्णय ले पाएं. इसके साथ ही DoT से सभी टेलिकॉम कंपनियों को वॉयस कॉल वाई-फाई से कनेक्ट करते समय एक दूसरे के डाटा नेटवर्क इस्तेमाल करने की भी इजाजत दे दी है. साथ ही अगर थर्ड पार्टी लाइसेंस खरीदती है तो उन्हें भी इस सर्विस की इजाजत मिल जाएगी. वहीं, DoT ने टेलिकॉम कंपनियों से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कंपनियां इस सर्विस से संबंधित सभी नियमों का पालन कर रही हैं.