धुलिया (तेज समाचार डेस्क). इन दिनों धुलिया में बच्चा चोर गिरोह सक्रीय होने की अफवाह फैली है. कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा फैलाई गई इस अफवाह से शहर में डर का माहौल है. इसी दहशत के चलते रविवार को सोलापुर के पांच घुमत्तुओं को बच्चा चोर गिरोह समझ कर भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था. कानून को अपने हाथों में लेकर हत्या जैसे जघन्य हत्या को अंजाम देनेवाली इस भीड़ के 23 आरोपियों को पुलिस ने अब तक गिरफ्तार किया है. वहीं दूसरी ओर इस लिचिंग केस में मारे गए पांचों पीड़ितों के परिजनों के जख्मों पर मरहम लगाते हुए राज्य सरकार ने पीड़ितों के परिवार को 5-5 लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है.
– घटना की जांच शुरू
मुआवजे की घोषणा करते समय राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस ने कहा, कि यह एक गंभीर और अमानवीय घटना है. इस घटना ने सभी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है कि लोगों को जागरूक हो कर संकटों का सामना करने की बजाय कानून हाथ में लेकर अपराधी बनना मंजूर हो रहा है. जबकि हमारी कानून व्यवस्था पूरी तरह से सक्षम है. पुलिस अपना काम कर रही हैं, लेकिन अफवाहों का कोई आधार नहीं होता. ऐसे में समाज के समझदार लोगों को चाहिए कि वे समाज में फैली अफवाहों को दूर करने के लिए लोगों को समझाए और उनके मन से डर को दूर करें. लेकिन यह दु:खद है कि लोग अफवाहों पर विश्वास करके कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं. ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो. इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जितने भी आरोपी पकड़े गए है, यदि वे दोषी पाए गए, तो निरपराधों की हत्या का मामला उन पर चला कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.
– अफवाह फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई
राज्य के डीजीपी दत्ता पडसालगिकर ने कहा कि मैं सभी से अपील करना चाहता हूं कि अगर इस तरह का मामला किसी के भी नोटिस में आता है, तो वह पुलिस को इसकी जानकारी दें. वहीं उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलाई जानेवाली अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए. जो भी इस प्रकार की अफवाहें फैला रहा है, हम उस पर सख्त कार्रवाई करेंगे.
– सरकार से न्याय की उम्मीद
पीड़ित परिवारों ने सरकार से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि इस घटना से हमारा परिवार बिखर गया है. हमारे परिवार के बेकसूर लोगों को बेवजह मौत के घाट उतार दिया गया, जबकि हम लोग रोजी रोटी के लिए दर-दर, गांव-गांव भटकते है.
– रेनपाड़ा गांव से उठी थी अफवाह
पुलिस के मुताबिक कई दिनों से रेनपाडा गांव में अफवाह फैल रही थी कि यहां पर बच्चा चोर गिरोह सक्रिय है. रविवार को इस इलाके में जब राज्य परिवाहन की बस से कुछ लोग उतरे और उनमें से एक व्यक्ति ने जब एक छोटी बच्ची से बातचीत करने का प्रयास किया, तो साप्ताहिक बाजार के लिए आए लोगों ने उन्हें बच्चा चोर समझ लिया. इसके बाद शोर मचा और भीड़ ने इन पांचों को लोगों को इतना पीटा की उन सभी मौत हो गई. यह जघन्य अपराध है और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. इसके साथ ही पुलिस अफवाह फैलानेवालों की भी तलाश कर रही है. जल्द ही अफवाह फैलानेवाले भी पुलिस की गिरफ्त में होंगे. पुलिस को उक्त पांच लोगों की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया से मिला था, जिसके आधार पर पुलिस ने अब 23 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
– बच गया आकाश पावरा
दो दिन पहले ही सोशल मीडिया पर किसी असामाजिक तत्व ने एक वीडियो वायरल किया था, जिसमें एक लाल रंग की बाइक पर एक व्यक्ति मुंह पर रुमाल बांधे जा रहा है. इस क्लिप के केप्शन में इस व्यक्ति पर बच्चा चोर होने का संदेह व्यक्त किया गया था. लेकिन जैसे ही यह क्लिप लाल रंग की बाइकवाले व्यक्ति तक पहुंची, तो वह तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंच गया और पूरा वाकया बयां किया. उसने बताया कि उसका नाम आकाश पावरा है और वह एक रोजगार सेवक है, जो उस दिन एक मिटिंग से लौट रहा था. बारिश के कारण उसने चेहरे पर रुमाल बांधा था. आकाश पावरा के बयान के बाद भी पुलिस ने विज्ञप्ति जारी कर लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की थी, लेकिन लोगों ने इस अपील पर ध्यान नहीं दिया और पांच बेकसूर लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. यदि गांव में आए पांच लोगों पर लोगों को शक था, तो यह बात पुलिस को बतानी चाहिए थी. लेकिन लोगों ने कानून हाथ में लिया, जिसका अंजाम किसी भी कीमत पर समाज के हित में नहीं था.