नई दिल्ली ( तेजसमाचार डेस्क ) . सायरस मिस्री- रतन टाटा विवाद में टाटा संस को बड़ी राहत मिली है. एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) ने सायरस मिस्री के दावे को खारिज करते हुए टाटा संस के पक्ष में फैसला सुनाया . अपना फैसला सुनाते हुए एनसीएलटी ने कहा कि टाटा बोर्ड के पास चेयरमैन को हटाने का अधिकार है और टाटा ग्रुप मैनेजमेंट में कोई भी गड़बड़ी नहीं है. ट्रिब्यूनल ने रतन टाटा पर लगे सभी आरोपों को भी खारिज कर दिया. एनसीएलटी के इस फैसले को सायरस मिस्त्री के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.
साइरस मिस्त्री ने टाटा ग्रुप से बतौर चेयरमैन हटाए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए एक याचिका दाखिल की थी. गौरतलब है कि एनसीएलटी इससे पहले पिछले हफ्ते इस संबंध में फैसला सुनाने वाला था लेकिन फिर इसे 9 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया. विदित हो कि मिस्त्री परिवार की टाटा संस में 18 फीसदी की हिस्सेदारी है, जो कि टाटा ग्रुप की स्वामित्व वाली कंपनी है. मिस्त्री ने रतन टाटा के रिटायरमेंट की घोषणा के बाद साल 2012 में चेयरमैन पद की कमान संभाली थी.
टाटा संस के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि मिस्त्री को सिर्फ इस वजह से हटाया गया क्योंकि बोर्ड का उन पर भरोसा खत्म हो गया था. टाटा संस ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के समक्ष कहा था कि बोर्ड का सायरस मिस्त्री पर भरोसा खत्म हो जाने के कारण उन्हें चेयरमैन के पद से हटाया गया.