न्यूयॉर्क (तेज समाचार डेस्क). फर्जी कॉल सेंटर के जरिए करोड़ों की ठगी करने के मामले में अमेरिका में रहने वाले 21 भारतीयों को 4 साल से लेकर 20 साल तक की सजा सुनाई गई है. दोषी पाए गए भारतीयों को सजा पूरी होने के बाद भारत भेज दिया जाएगा. कॉल सेंटर भारत से ऑपरेट हो रहे थे और अमेरिका में दोषी ठहराए गए 21 लोग इस रैकेट का हिस्सा थे और यूएस में ही रहते थे. कॉल सेंटर की भारत के अलग-अलग शहरों में भी ब्रांच थीं. इसके जरिए 11 हजार अमेरिकियों से 250 करोड़ रुपए से ज्यादा ठगे गए.
– खुद को बताते थे रेवेन्यू सर्विस का ऑफिसर
कॉल सेंटर्स के भारतीय कर्मचारी अमेरिकन इंग्लिश बोलकर लोगों को फंसाते थे. वे पहले टैक्स न चुका पाने वाले अमेरिकियों की जानकारी हासिल करते थे. बाद में खुद को अमेरिकी रेवेन्यू सर्विस का अफसर बताकर फोन करते थे. उनसे डॉलर में पेमेंट करने को कहते थे. भुगतान नहीं करने पर गिरफ्तारी या जुर्माने की धमकी देते थे. इनमें ज्यादातर बुजुर्गाें को निशाना बनाया जाता था. कार्रवाई से बचने के लिए अमेरिकी 60 हजार डॉलर (करीब 41 लाख रुपए) तक देने को तैयार हो जाते थे.
– ठगी में कामयाबी का मिलता था पुरस्कार
पुलिस के मुताबिक, कॉल सेंटर का जो भारतीय कर्मचारी अमेरिकी लोगों से रुपए ऐंठने में सफल रहता था उसे रैकेट ऑपरेटर्स हर महीने एक लाख रुपए इनाम देते थे. अमेरिका में इस मामले का खुलासा होने के बाद भारत में पुणे, नोएडा और गुड़गांव में छापे मारे गए थे. पुणे से तीन, गुड़गांव से चार और नाेएडा से एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया था. जांच में पता चला कि पुणे के सेंटर से ही अमेरिका में रहने वाले 11 हजार लोगों को ठगा गया था.