पुणे (तेज समाचार डेस्क). मुंबई-पुणे को जोड़ने वाले सबसे पुरातन व ऐतिहासिक अमृतांजन पूल को जमींदोज करने की शुरुआत कर दी गई. खस्ता हालत और एक्सप्रेस वे में अवरोध साबित इस पुल को ब्लास्टिंग के जरिये ढहा दिया गया. रविवार की शाम सवा छह बजे पुल के चारों खंबों को एकसाथ ब्लास्ट कर दिया गया. महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम द्वारा नियुक्त नवयुग टीम के मुखिया अनिल कुमार और उनकी टीम ने पुल ढहाने की कार्रवाई शुरू की.
रायगढ़ औऱ पुणे जिलों को जोड़ने के लिए लोनावला के पास ब्रिटिश राज के दौरान 1830 में इस अमृतांजन पुल को बनाया गया था. यह देश के सबसे पुराने पुलों में से एक है. इसे अब खस्ता हालत के चलते ढहा दिया जाएगा. कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच अंग्रेजों के बनाए इस 190 साल पुराने पुल को नियंत्रित ब्लास्ट के जरिए उड़ाकर ध्वस्त किया गया. अमृतांजन पुल की हालत अब बेहद खस्ता हो चुकी थी. इसके अलावा इसकी वजह से यहां अक्सर लंबा जाम लग जाता था तो कई बार दुर्घटनाएं भी होती थीं.
असल में अमृतांजन पुल के खंभे सड़क को कई हिस्सों में बांटते हैं. इन मोटे पिलर्स की वजह से यहां सड़क की चौड़ाई कम है और अक्सर इनकी वजह से जाम लगता था. पुल को गिराने का की योजना गत तीन साल से लंबित थी. पिछले साल जून में सड़क विकास निगम ने पुल को गिराने के लिए दूसरा टेंडर जारी किया था. 2017 में जब पहली बार पुल को गिराने का प्लान बनाया गया तो इसका भारी विरोध हुआ. पुल की खराब हालत को देखते हुए पिछले कई सालों से इसे यातायात के लिए बंद कर दिया गया था. राज्य सड़क विकास निगम ने इससे पहले इस पुल के संरक्षक रेलवे को भी लिखा था और पुल गिराने की अनुमति मांगी थी.
सड़क विकास निगम ने रायगढ़ के जिलाधिकारी और राज्य हाईवे पुलिस से भी सुरक्षा और ट्रैफिक को रेग्यूलेट करने की मांग की थी. कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक बेहद कम रह गया है. इस बीच मुफीद मौका देखकर प्रशासन ने पुल को गिराने के लिए हरी झंडी दे दी गई. रायगढ़ जिलाधिकारी ने महाराष्ट्र सड़क विकास निगम को 4 से 14 अप्रैल के बीच गिराने की अनुमति दे दी है. मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर दोनों लेन के लिए 10 किलोमीटर का एक ट्रैफिक डायवर्जन बनाया गया है. आज सुबह से चारों खंबों में होल बनाने का काम शुरू था. शाम को एक साथ ब्लास्ट कर दिया गया और ताश के पत्तों की भांति पूरा पुल ढह गया. अगले दो दिन तक यहां ब्लास्ट के बाद गिरे पत्थर, मिट्टी, मलबा आदि हटाने का काम किया जाएगा.