मुंबई (तेजसमाचार डेस्क ) – अकोला जिले के जिलाधीश आस्तिक कुमार पांडे ने विगत 04 सितम्बर 2018 को लोक निर्माण विभाग के कार्यालय का निरीक्षण करते हुए विभाग की दीवारों और उसके कोनों में फैली गंदगी को स्वयम साफ़ किया. पान और गुटखा की पीक से रंगी हुई गंदगी देखकर उनसे रहा नहीं गया. उन्होंने एक बाल्टी में पानी और कपड़ा मंगवाया तथा खुद सफाई करने लगे. जिलाधीश द्वारा दीवारों की गंदगी को साफ करते देख ऑफिस के कर्मचारियों को शर्मिंदगी हुई. उन लोगों ने जिलाधीश से कहा कि अब वे खुद से दीवारों को साफ करेंगे. जिलाधीश ने एक कोने में गोबर देखा तो एक झाड़ू लेकर खुद उसे साफ किया.
अकोला जिले के जिलाधीश आस्तिक कुमार पांडे के इस कार्य की चर्चा सोशल मीडिया व सरकारी हलकों में खुल कर हुई. अब श्री पांडे के इसी सकारत्मक कार्य का धुलिया में खुल कर मज़ाक उड़ाया गया. ऐसा नहीं है की आस्तिक कुमार पांडे का मज़ाक उड़ाने वाले आम नागरिक हों. बल्कि धुलिया के सरकारी विभाग में ही इस तरह की दीवारों को साफ़ करने के लिए अकोला जिले के जिलाधीश आस्तिक कुमार पांडे को बुलाने की बात कह कर ठहाके लगाए गए.
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बुधवार को धुलिया नगर निगम आयुक्त सुधाकर देशमुख ने अचानक नगर निगम स्वच्छता स्वास्थ्य विभाग की बिल्डिंग का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान शहर अभियंता कैलाश शिंद ने दीवार की बुरी हालत देखकर उसे स्वच्छता करने की सूचना दी,इस पर धुलिया नगर निगम आयुक्त सुधाकर देशमुख ने मजाकिया अंदाज में अकोला जिलाधिकारी अस्तिक पांडे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि अकोला के जिला अधिकारी को दीवार साफ करने बुला लो. इतना कहने के बाद हँसी का फुवारा छुटा और एक कर्तव्य दक्ष अधिकारी का मजाक उड़ाया गया.यह साड़ी घटना कैमरे में कैद हो गई.
सोशल मीडिया पर घटना के वायरल होते ही लोग सहानभूतिवश आस्तिक कुमार पांडे के अच्छे कार्य की सराहना करते हुए धुलिया नगर निगम आयुक्त सुधाकर देशमुख, शहर अभियंता कैलाश शिंदे के प्रति नाराजगी दिखा रहे हैं.