गाजियाबाद (तेज समाचार डेस्क): गाजियाबाद पुलिस आपकी सेवा में हमेशा तत्पर है, शहर की करामाती पुलिस ने अपने इस जुमले को तार-तार कर दिया है। अब से करीब महीना भर पहले एक छात्र का बेशकीमती मोबाइल लेकर भागने वाले उबर टैक्सी चालक की तलाश करना तो दूर पुलिस अभी तक इस मामले की एफआईआर तक दर्ज नहीं कर सकी है। पुलिस ने इस मामले को दो थाना क्षेत्रों की सीमा में उलझाकर लटकाए रखा है। छात्र लगातार पुलिस मुख्यालय और दोनों थानों के बीच दौड़ने को मजबूर है।
इंदिरापुरम थाने के न्याय खंड प्रथम निवासी माधव सेठ पुणे में मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र है। वह दीपावली की छुट्टियों में अपने घर आया हुआ था। इसी बीच 24 अक्टूबर को माधव ने संभागीय परिवहन विभाग (आरटीओ) ऑफिस जाने के लिए उबर कंपनी की एक टैक्सी (डीएल 1आर- बीपी 9388) बुक की थी। जैसे ही कैब आरटीओ ऑफिस पहुंची तो माधव सेठ ने पांच सौ रुपये का नोट कैब चालक कुलदीप को दिया जबकि बिल 191 का था। ड्राइवर ने खुले पैसे मांगे तो माधव अपना मोबाइल और बैग कार की सीट पर छोड़कर पैसे फुटकर कराने के लिए चला गया। इसी बीच मौका पाकर ड्राइवर कुलदीप गाड़ी लेकर चंपत हो गया।
इसके बाद माधव अपने घर गया और पूरे घटनाक्रम की जानकारी अपने पिता अरविंद सेठ को दी। माधव व उनके पिता अरविंद सेठ थाना इंदिरापुरम पहुंचे और लिखित में एक तहरीर दी। पुलिस ने तीन-चार दिन बाद आने को कहा। जब तीन-चार दिन बाद अरविंद सेठ व माधव सेठ इंदिरापुरम थाने पहुंचे तो एसएसआई केके गौतम ने कहा कि मामला कवि नगर थाना क्षेत्र का है, इसलिए वहीं जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी। इसके बाद दोनों वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पहुंचे तो वहां तैनात हेड कॉन्स्टेबल रामवीर ने भी कवि नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा। जब ये लोग कविनगर थाने पहुंचे तो वहां अरविंद नामक पुलिसकर्मी ने तहरीर की कॉपी ले ली लेकिन प्राप्ति रसीद देने से मना कर दिया। तब से एक माह से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक न तो इस मामले की एफआईआर दर्ज कर सकी है और ना ही उबर कैब के चालक के अधिकृत मोबाइल पर कोई संपर्क किया है। दो थाना क्षेत्रों की सीमा में उलझकर छात्र लगातार पुलिस मुख्यालय और दोनों थानों के बीच दौड़ने को मजबूर है।