नई दिल्ली ( तेजसमाचार प्रतिनिधि ) – भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन ( IRCTC ) को कर्नाटक सरकार द्वारा सैलानियों के लिए चलाई जा रही आलीशान गोल्डन चेरिएट रेलगाड़ी की जिम्मेदारी मिली है. इस संदर्भ में रेल राज्य मंत्री सुरेश सी अंगड़ी ने कहा कि, ‘आईआरसीटीसी लोगों को और बेहतर सेवाएं देगी. इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार भी बढ़ेगा.’ साथ ही अंगड़ी ने कहा कि ट्रेन का किराया प्रतिस्पर्धी रखा जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसकी सुविधाओं का लाभ उठा सकें.
गोल्डेन चेरिएट 18 डिब्बों वाली लग्जरी ट्रेन है, जिसमें सैलानियों को वैश्विक स्तर की सुविधाएं मिलेंगी. इसमें 11 लग्जरी एसी सलून के साथ बार लाउंज, बिजनेस सेंटर, जिम और आयुर्वेदिक स्पा होंगे. कुल सात दिन की यात्रा के तहत यह ट्रेन बंगलूरू से रवाना होगी और बंदीपुर टाइगर रिजर्व, मैसूर पैलेस, होलेश्वर मंदिर और चिकमंगलूर में काफी प्लांटेशन, हम्पी, बीजापुर में गोल गुम्बज और गोवा होते हुए सातवें दिन बंगलूरू लौटेगी.
कर्नाटक के पर्यटन मंत्री सीटी रवि का कहना है कि इससे कर्नाटक में पर्यटन बढ़ेगा. कर्नाटक में हम्पी, पश्चिमी घाट जैसे कई पर्यटक स्थल हैं, इसलिए इससे काफी फायदा होगा. अगर गोल्डन चेरिएट रेलगाड़ी को आईआरसीटीसी के सौंपने से फायदा होता है और कम किराए की वजह से इसका फायदा आम लोगों को भी मिलता है, तो हो सकता है कि अन्य लग्जरी ट्रेनें भी आईआरसीटीसी को सौंप दी जाए. आईआरसीटीसी लोकप्रिय महाराजा एक्सप्रेस का भी परिचालन करती है.
आईआरसीटीसी मार्च 2020 से फिर से आलीशान गोल्डन चेरिएट रेलगाड़ी का परिचालन शुरू करेगी. ट्रेन में आईआरसीटीसी खूबसूरती के अनुसार कुछ आंतरिक बदलाव भी करेगी. साल 2008 में गोल्डन चेरिएट का परिचालन शुरू हुआ था. कर्नाटक सरकार करीब 10 सालों से इस ट्रेन को चला रही थी. कर्नाटक सरकार के उपक्रम कर्नाटक स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ( KSTDC ) को इसमें घाटा हो रहा था.
मौजूदा समय में महाराष्ट्र टूरिज्म डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन, राजस्थान टूरिज्म डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन, कर्नाटक टूरिज्म डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन और आईआरसीटीसी भारत में लग्जरी ट्रेन चलाती हैं. पैलेस ऑन व्हील्स, महाराजा एक्सप्रेस, डेक्कन ओडिसी और गोल्डन चेरिएट जैसी लग्जरी ट्रेनों का एक दिन का औसत किराया करीब 43,000 रुपये है.