पुणे (तेज समाचार डेस्क). जिस तरह से भारत को पोलियो मुक्त किया गया है, उसी तरह से अब देश को मलेरिया मुक्त बनाना है. उसी तरह से देश में लगातार बढ रहे डेंगू की रोकथाम के लिए सरकार जोर शोर से लगा हुआ है. इसे खत्म करने पर युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. उक्त संभावना देश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने जताई.
2025 तक क्षयरोग मुक्त होगा भारत
हर्षवर्धन के हाथों सीरम इन्स्टिट्यूट ऑफ इंडिया के मांजरी में नए टीकाकरण उत्पादन केंद्र का उद्घाटन किया गया. इस समय सिरम इंस्टीट्यूट प्रमुख सायरस पूनावाला व सीईओ अदार पूनावाला मौजूद थे. यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण उत्पादन केंद्र है. इस नए केंद्र में वर्ष पर करीब पचास मिलियन डोसेस उत्पादन किए जाएंगे. साथ ही अगले ५ वर्ष में करीब 3००० रोजगार पैदा किए जाएंगे. इस मौके पर डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि भारतीयों के जीवन को निरोगी व स्वस्थ बनाने के उद्देश्य से हम कई मुहिम पर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्षयरोग निर्मूलन के लिए भी सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है. वैसे तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके निर्मूलन के लिए 2030 तक का लक्ष्य तय किया गया है, पर हमारी मंशा हर हाल में 2025 तक देश को क्षयरोग मुक्त की है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना में भ्रष्टाचार की बातें सुनाई पड़ रही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इसके लिए सरकार जीरो टोलरेंस की नीति अख्तियार की हुई है. ऐसे में यदि इसमें भ्रष्टाचार दिखाई पड़ेगा तो कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी.
डेंगू पर जल्द दवा
इस समय सायरस पूनावाला ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए सिरम जुटा हुआ है. इसपर दवा बनाई जा रही है. जो अंतिम चरण में है. इस दवा के बन जाने पर मात्र 48 घंटे में इसे ठीक किया जा सकेगा. अदर पूनावाला ने कहा कि वैसे तो देश में मंदी की आहट है पर दवा निर्माण के क्षेत्र में ऐसी कोई बात नहीं है. यह क्षेत्र प्रगति पर है. उन्होंने कहा मौजूदा समय में सीरम इंस्टीट्यूट में हर साल करीब डेढ अरब दवाओं के विभिन्न डोस बनाए जाते हैं. इस केंद्र के शुरू हो जाने पर अब इसमें और 50 करोड़ का डोज बढ जाएगा. उन्होंने कहा कि मंजरी के सीरम इन्स्टिट्यूट ऑफ इंडिया का यह नया केंद्र निश्चित रूप से मददगार साबित होगा. हाल ही में एसआयआय ने एनआयए(यूएसए)के सहयोग से थर्मोस्टेबल रोटावायरस टीका तैयार किया है. जो क्रांतिकारी माना जा रहा है. इस टीका में अनियमित तापमान में भी दीर्घकाल तक टिके रहने की उच्चस्तरीय क्षमता है. रोटासिल नाम का यह टीका २५०सेल्सियस तापमान में भी 3० महीने तक टिके रह सकता है. उन्होंने कहा कि २ मिलियन वर्गफुट पर बसे इस केंद्र से यूरोपिया व अमेरिकी महाद्वीप के १५० देशों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा. इस समय नताशा पूनावाला व हर्षवर्धन की पत्नी भी मौजूद थीं.