– सिडको ने महामेट्रो को यातायात की रूपरेखा बनाने को कहा
– पहली बार मास रैपिड ट्रान्जिट की सिफारिश
– चार तरह के बसों को जोड़कर रेल की तरह चलाया जाएगा
-देश में पहला प्रयोग
पुणे (तेज समाचार डेस्क). विस्तार हो रही नाशिक शहर की ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए सिडको द्वारा महामेट्रो को नासिक शहर की सार्वजनिक यातायात की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी दी है. उसके अनुसार रूपरेखा बनाने का कार्य किया जा रहा है. बीआरटी, एलआरटी, स्काय बस व ट्राम के कॉम्बिनेशन वाली मास रैपिड ट्रान्जिट (एमआरटी) का विकल्प नाशिक की सार्वजनिक यातायात के लिए प्रस्तावित किया है. यह रूपरेखा मई के आखिर तक पेश की जाएगी. इस प्रकार का ट्रैफिक सिस्टम देश में पहली बार इस्तेमाल होने की जानकारी महामेट्रो के एमडी ब्रिजेश दीक्षित ने पुणे में दी.
दीक्षित ने बताया कि नाशिक शहर की जनसंख्या करीब 20 लाख है. शहर में मजबूत सार्वजनिक यातायात व्यवस्था बनाने के लिए सिडको ने सार्वजनिक यातायात रूपरेखा बनाने की जिम्मेदारी महामेट्रो को सौंपी है. अगले 25 वर्षों के बारे में विचार कर यह रूपरेखा बनाने का कार्य किया जा रहा है. एमआरटी के अंतर्गत चार बसों की श्रृंखला बनाई जाएगी. करीब 750 वोल्ट बिजली पर ये बसें चलेंगी. इन बसों को इलेक्ट्रिक सप्लाई रेलवे की तरह छत से दिया जाएगा. इन चार बसों में करीब 600 से 700 यात्री एक समय में यात्रा कर सकेंगे. देश में इस प्रकार की प्रणाली कहीं पर भी नहीं है, लेकिन नाशिक में इस पर अमल करना संभव है. इलेक्ट्रिक बसों की तुलना में यह विकल्प ज्यादा फायदेमंद है.
दीक्षित ने बताया कि नाशिक की भौगोलिक रचना को ध्यान में रखते हुए बीआरटी, ट्राम व स्कॉय बस के विकल्प भी उपयुक्त साबित हो सकते हैं. नाशिक रोड से द्वारका चौक तक एमआरटी पर अमल संभव है. नाशिक की वर्तमान जनसंख्या को ध्यान में रखने पर वहां मेट्रो फिलहाल उपयुक्त नहीं है. क्योंकि यह कहीं अधिक खर्चीला है.