अकाल घोषित कराने कि मांग को लेकर NCP का आंदोलन
जामनेर ( नरेंद्र इंगले ):पूरे राज्य मे सुखे कि स्थिती बनी हुयी है . जनमानस कि सुविधा तथा तकनिकि बिंदूओ कि माने तो अंग्रेजो द्वारा सुखे के दौरान बहाल कि गयी मुफ़िद “आनेवारी” पद्धती पर अकाल घोषित करने के बजाय सुबे के CM साइंटिफीक तरीके से उपलब्ध होने वाले डाटा के आधार पर अकाल का ” अभ्यास ” कर रहे . यह नूस्खा सुखाग्रस्तो के लिए सरकार का नया जूमला साबीत होने वाला है . ऐसा प्रहार राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता संजय गरुड ने सरकार पर किया है . तहसिल NCP कि ओर से आयोजित अकाल मोर्चा के दौरान अपने संबोधन मे गरुड ने केंद्र – राज्य सरकार कि जमकर आलोचना करते कहा कि केंद्र के GST , नोटबंदी जैसे फ़ैसलो ने जहा देश कि समग्र आर्थिक व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया है वहि राज्य कि फडणवीस सरकार ने भी जूमलेबाजी , चालाखी मे मोदीजी के हि गुण आत्मसाद किए है .राज्य मे किसानो कि हालत बेहद बुरी है , बारीश के अभाव से कृषि व्यवस्था बर्बाद हो गयी है अब तक किसानो को बोंडइल्ली कि सहायता नहि मिल सकि है .
महिलाओ पर हो रहे अत्याचार काफ़ि बढ गए है कानून व्यवस्था चौपट हो गयी है . अभी तो प्रशासन मे बैठे कुछ अधिकारी हि सत्ता मे बैठे नेताओ कि चाटूकारीता मे मश्गूल है . केंद्र और राज्य सरकार का कामकाज इस कदर बेशर्मी से सना है कि इसे देखकर शर्म भी शरमा जाएगी . गरुड ने बिजली कि लोडशेडीन्ग , फसलो कि फर्जी एमएसपी , झूठी कर्जमाफ़ि , बढती महंगायी , बेरोजगारी जैसे मुद्दो पर सरकार को खुब लताडा . तत्पश्चात नेता दिगंबर पाटील ने अपने संबोधन मे किसान होने के नाते कृषि व्यवस्था से जुडी जमिनी वास्तविकता पर प्रकाश डाला और सरकार से सुखा राहत प्रबंधन को तत्काल अमल मे लाने कि अपील कि . आंदोलन मे एड बोरसे , भगवान पाटील , किशोर पाटील , राजु पाटील , राजेंद्र चौधरी , सुनील शिंपी , प्रल्हाद धनगर , नाना पाटील , विनोद माली , पराग नेरकर , रविंद्र बंडे , माधव चव्हाण , प्रल्हाद बोरसे , प्रदीप लोढा , शैलेश पाटील , नटवर चव्हाण समेत शहर तथा तहसिल NCP इकायी के सैकडो पदाधिकारी शामील हुए .