शिरपूर: अनेर अभयारण्य के वनदावों का होगा निपटारा
धुलिया (वाहिद काकर ): शिरपूर तहसील के अनेर अभयारण्य में आनेवाले गावों के वनपट्टों का निपटारा तीन महीनों के भीतर निपटाने के आदेश राज्य सरकार ने जारी किए हैं। जिलाधिकारी को इस मामले में शिकायतों को कालबद्ध कार्यक्रम चलाकर निपटारा करना होगा इस तरह की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के द्वारा विरसा क्रांति दल के नाशिक विभाग के अध्यक्ष मनोज पावरा ने दी है.
अनुसूचित जनजाति व अन्य परंपरागत वन निवासी (वन हक्क मान्यता) अधिनियम 2006 व 2008 संशोधित नियम 2012 अंतर्गत दाखिल किए गए राज्य के 55 अतिसंवेदनशील वन्यजीव अधिवास अंतर्गत गाव के सभी निजी, सामुहिक वनहक्क दावों का निपटारा तीन महीनों मे करना होगा। जिसके लिए जिलाधिकारी को कालबद्ध कार्यक्रम के तहत उक्त वन मामलों का निपटारा करना होगा। जिसमे शिरपूर तहसिल के अनेर अभयारण्य का समावेश भी है।
सीमित समय मे मामलों के निपटारे के लिए सरकार ने वनविभाग, आदिवासी विकास विभाग, राजस्व विभाग पर संयुक्त जिम्मेदारी सौंपी है। जिसके संदर्भ मे आदिवासी विकास विभाग ने 10 जनवरी को शासन निर्णय जारी किया। जिसमे मुंबई उच्च न्यायालय की जनहित याचिका क्रमांक 131/2014 (नवशक्ती पब्लिक ट्रस्ट विरूद्ध महाराष्ट्र सरकार) के तहत 18 दिसंबर 2019 के निर्णय मे धोखाग्रस्त गाव के वनहक्क दावों का निपटारा करने के आदेश दिए गए।
शासन निर्णय अनुसार प्राप्त दावों को अस्वीकार करने पर उचित कार्यवाही करने आश्वासन प्रशासन ने दिया है। वहीं ग्रामसभा, उपविभागीय अधिकारी, जिला वन हक्क समिती के पास दाखिल किए गए मामलों का निपटारा करना होगा। उपविभागीय वन समिती ने नामंजूर किए दावों को फिर से दाखिल करना है। जिन पर जिला वन समिती वनहक्क कानून की धारा 8 के तहत तीन महीने मे प्राप्त दावों का निपटारा करेगी।
पिछले कई वर्षो से कसनेवाली जमीन का कब्जा सरकार आदिवासियों को जल्द से जल्द देकर ऊन्हे मालिकाना हक देकर सातबारा दे। ताकि वे सरकारी कृषी योजनाओं का लाभ उठा सके।
मनोज पावरा
अध्यक्ष बिरसा क्रांती दल, नाशिक विभाग*