लंदन (तेज समाचार डेस्क). भारतीय बैंकों से लिया गया 9000 करोड़ का कर्ज चुकता न कर भारत से भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत लाए जाने का रास्ता पूरी तरह से साफ हो चुका है. वेस्टमिंस्टर अदालत ने सोमवार को फैसला दिया कि भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित किया जाए. जज एम्मा आर्बटनॉट ने कहा कि पहली नजर में माल्या के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश रचने और मनी लॉन्डरिंग का केस बनता है. अदालत ने यह मामला अब ब्रिटिश सरकार को भेज दिया है. फैसले से पहले कोर्ट पहुंचे माल्या ने कहा था कि मैंने रुपए लौटाने का प्रस्ताव दिया है, यह झूठा नहीं था. मेरे इस ऑफर का प्रत्यर्पण से कोई लेना-देना नहीं है. मैंने पैसे चुराए नहीं. मैंने किंगफिशर एयरलाइंस को बचाने के लिए अपने 4 हजार करोड़ रुपए इसमें लगाए थे.
– मार्च 2016 में भागा था माल्या
माल्या पर भारतीयों बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं. वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था. भारत ने पिछले साल फरवरी में यूके से उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी. भारत में फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर अप्रैल 2017 में स्कॉटलैंड यार्ड में माल्या की गिरफ्तारी हुई लेकिन वह जमानत पर छूट गया. उसके प्रत्यर्पण का मामला 4 दिसंबर 2017 से लंदन की अदालत में चल रहा है. यूके की लीगल एक्सपर्ट पावनी रेड्डी के मुताबिक, यूके सरकार अदालत के फैसले से संतुष्ट होती है तो वह माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश जारी करेगी. इस फैसले के खिलाफ माल्या के पास 14 दिन में हाईकोर्ट में अपील का अधिकार होगा. माल्या ने अगर प्रत्यर्पण के फैसले के खिलाफ अपील नहीं की तो यूके की सरकार के आदेश जारी करने के 28 दिन में उसका प्रत्यर्पण किया जाएगा.
– मैंने नहीं किंगफिशर ने लिया था कर्ज
माल्या ने अपनी सफाई में कहा कि उसके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित है. उसने एक रुपया भी उधार नहीं लिया. किंगफिशर एयरलाइंस ने लोन लिया था. कारोबार में घाटा होने की वजह से लोन की रकम खर्च हो गई. वह सिर्फ गारंटर था और यह फ्रॉड नहीं है. माल्या का कहना है कि वह कर्ज का 100% मूलधन चुकाने को तैयार है. उसने साल 2016 में कर्नाटक हाईकोर्ट में भी यह ऑफर दिया था. उसका कहना है कि रकम चुराकर भागने की बात गलत है. उसे बैंक डिफॉल्ट का पोस्टर बॉय बना दिया गया है.
– मोदी-जेटली को लिखी थी चिट्ठी
माल्या ने यह भी कहा था कि साल 2016 में उसने प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली को चिट्ठी लिखकर जांच कमेटी गठित करने की मांग की थी लेकिन, कोई जवाब नहीं मिला. माल्या ने यह भी कहा था कि भारतीय जेलों की हालत अच्छी नहीं है. इसके बाद यूके की अदालत ने भारत से जेल का वीडियो मांगा था. भारत ने मुंबई की आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 का वीडियो भेजा था, जहां माल्या को रखा जाएगा.
– जांच एजेंसियों की दलील
सीबीआई ने यूके की अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि माल्या को जल्द भारत लाया जाएगा और हम उसके खिलाफ मामलों में नतीजे पर पहुंचेंगे. हमने तथ्यों और कानून के आधार पर मजबूती से अपना पक्ष रखा था और हम पूरी तरह आश्वस्त थे कि माल्या को प्रत्यर्पित किया जाएगा. माल्या ने जानबूझकर बैंकों का कर्ज नहीं चुकाया. वह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत भगोड़ा घोषित है. उस पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है. वह ब्रिटेन के कानून के मुताबिक भी आरोपी है.
– झूठा केस बनाए जाने की कोई आशंका नहीं : जज
एम्मा आर्बटनॉट ने कहा कि इस मामले में ऐसे कोई संकेत नहीं मिलते हैं, जिनसे यह लगे कि माल्या के खिलाफ झूठा केस बनाया गया है. सभी साक्ष्यों पर विचार करने के बाद हम कह सकते हैं कि मामला है, जिसका उन्हें (माल्या) को जवाब देना है. मुंबई की ऑर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 का वीडियो वास्तविक तस्वीर पेश करता है और इसे हाल में ही री-डेकोरेट किया गया है. माल्या वहां की जेल में अपनी डायबिटीज और दूसरी समस्याओं के लिए निजी स्वास्थ्य सेवाएं ले सकता है.