इंदौर (तेज समाचार डेस्क). लापहरवाही से 12वीं कक्षा के एक छात्र का अंग्रेजी का पेपर जांचता टीचर को भारी पड़ गया. इस बात को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई और जब हाई कोर्ट ने छात्र की अंग्रेजी की कॉपी जांची, तो छात्र के अंक 88 से बढ़ कर 94 हो गए. इसके बाद कोर्ट ने कॉपी जांचनेवाले टीचर पर कार्यवाही का आदेश दिया है.
– मानसिक तनाव में था शिक्षक : शिक्षा विभाग ने किया बचाव
छात्र के वकील ने आपत्ति ली कि एक तरफ शिक्षा विभाग ने नियम बना रखा है कि रिजल्ट जारी होने के बाद रिवेल्यूशन नहीं होगा. दूसरी तरफ इस तरह कॉपी जांचे जाने से छात्रों का भविष्य खराब हो रहा है. शिक्षक ने ऐसी कॉपी क्यों जांची यह विभाग को बताना चाहिए. शिक्षा विभाग की ओर से कोर्ट में बताया गया कि जिस शिक्षक ने कॉपी जांची वह मानसिक तनाव में था. उसके पिताजी की तबियत ठीक नहीं है. कोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि ऐसे शिक्षक पर वह कार्रवाई करे. छात्र की ओर से अधिवक्ता धमेंद्र चेलावत ने याचिका दायर की थी.
अंग्रेजी के अलावा फीजिक्स में चार नंबर और दिए जाने को लेकर याचिका दायर की थी, लेकिन फीजिक्स में अंक नहीं बढ़े. मॉडल उत्तर पुस्तिका में जो प्रश्न का उत्तर दिया गया उसे सही माना गया. प्रखर को वैसे तो सभी विषयों में विशेष योग्यता मिली थी, लेकिन फिर भी उसे और मिलने का भरोसा था. कोर्ट ने उसे अंग्रेजी में बढ़े अंकों के साथ मार्कशीट जारी करने के आदेश जारी किए. उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट में हर साल रिजल्ट जारी होने के बाद लापरवाही से कॉपी जांचने के मामले आ रहे हैं. हर साल 20 से 25 छात्र याचिका लगाते हैं. शिक्षा विभाग पर कास्ट, शिक्षकों को ब्लैक लिस्ट करने के भी आदेश हो चुके हैं, लेकिन जांचने की पद्धति सटीक नहीं हो रही.