एक बार प्रसिद्द ग़ज़ल गायक ‘जगजीत सिंह; का प्रोग्राम दिल्ली में था.वे अपने साजिंदों के साथ मंच पर पहुंचे.हॉल खचाखच भरा हुआ था. श्रोताओं में टाई सूट में सजे, बड़े बड़े ब्यूरोक्रेट्स थे.माहौल बिलकुल अफसराना लग रहा था.जगजीत सिंह भी बड़े उत्साह में थे.
सिर्फ बड़े बड़े अफसरानों के सामने ग़ज़ल पेश करने का उनका यह पहला मौका था. उन्हे लगा बहुत ही सुखद अनुभव होगा, यह तो.उन्होंने एक ग़ज़ल गाना शुरू किया.ग़ज़ल ख़त्म हो गयी.हॉल में वैसा ही ही सन्नाटा पसरा था,जैसा ग़ज़ल शुरू करने के पहले था.दूसरी ग़ज़ल शुरू की.ख़त्म हो गयी.वैसी ही शांति बरकरार.
शायद टाई सूट में सजे लोगों को ताली बजाना नागवार गुजर रहा था.अब जगजीत सिंह से रहा नहीं गया.उन्होंने तीसरी ग़ज़ल शुरू करने से पहले कहा…”अगर आप लोगों को ग़ज़ल अच्छी लग रही है. तो वाह वाह तो कीजिये.यहाँ आप किसी मीटिंग में शामिल होने नहीं आए हैं.सूट पहन कर ताली बजाने में कोई बुराई नहीं है.अगर आप ताली बजाकर और वाह वाह कर मेरा और मेरे साजिंदों का उत्साह नहीं बढ़ाएंगे तो ऐसा लगेगा कि मैं खाली हॉल में रियाज़ कर रहा हूँ.”
फिर तो अपने सारे संकोच ताक पे रख कर उन अफसरानों ने खुल कर सिर्फ वाह वाह ही नहीं की और सिर्फ ताली ही नहीं बजायी.जगजीत सिंह के साथ गजलों में सुर भी मिलाये.अपनी फरमाईशें भी रखी.वंस मोर के नारे भी लगाए.जगजीत सिंह की ली गयी चुटकियों पर खूब हँसे भी.जगजीत सिंह अपने प्रोग्राम में बीच बीच में गजलों को बड़े मनोरंजक ढंग से एक्सप्लेन भी करते हैं.उनके प्रोग्राम में जाने का मौका मिला है…देखा है मैंने कैसे श्रोता हंसी से दोहरे हो जाते हैं.इन श्रोताओं ने भी गजलों का पूरा रसास्वादन लिया और उस शाम को एक यादगार शाम बना दी.
आजभीजगजीत सिंह को सुनते सुनते लिख रहा हूं। पहले भी ऐसा प्रयास किया था। एक शांत ग़ज़ल चला दीजिए फिर जो दिमाग़ में आए उसे लिखिये। देखिये कि आपका दिमाग़ उस ग़ज़ल की चाल से चल रहा होगा । बेहद हल्का संगीत है। बांसुरी मिठास बढ़ा दे रही है। ऐसा लगता है कि शाम हो गई है।
जगजीत सिंह की आवाज ऐसी जैसे कोई कानों के पास सरगोशियां कर रहा हो। घर ख़ाली हो और एक आवाज़ तैर रही हो। ख़बरों की दुनिया में दिन रात रहते रहते ख़बरों से ख़ुश्बू आती नहीं है। लेकिन जगजीत सिंह गा रहे होते हैं तो खुशबू आती ही है । उनकी मखमली आवाज की खुशबू। एक जादुई अहसास की खुश्बू।
तेरे आने की जब ख़बर महके,
तेरे खुश्बू से सारा घर महके …….
शाम महके तेरे तसव्वुर से,
शाम के बाद फिर सहर महके….
मशहूर गजल गायक जगजीत सिंह जी की जन्मजयंती पर शत शत नमन । हैप्पी बड्डे !!!!!!